संसार में सिर्फ दो ग्रंथ ऐसे हैं जिन्हें श्रीमद् की उपाधि दी गई है। पहला श्रीमद् भागवत कथा और दूसरा श्रीमद् भागवत गीता। भागवत का वाचन भगवान नारायण ने अपने श्रीमुख से किया है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग का मार्ग है भागवत।
संसार में सिर्फ दो ग्रंथ ऐसे हैं जिन्हें श्रीमद् की उपाधि दी गई है। पहला श्रीमद् भागवत कथा और दूसरा श्रीमद् भागवत गीता। भागवत का वाचन भगवान नारायण ने अपने श्रीमुख से किया है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और त्याग का मार्ग है भागवत। भागवत नर को नारायण बना देगी है। यह विचार भागवताचार्य पं. भीमाशंकरजी शास्त्री ने व्यक्त किए। वे सिटी रोड़ स्थित पारसमणि मैरिज गार्डन में श्री अग्रसेन सोश्यल ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के प्रथम दिन बोल रह थे।